हरियाणा सरकार ने सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए 74.50 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया है। स्कूलों के पास स्पीड हंप लगाए जाएंगे और जेबरा क्रॉसिंग बनाए जाएंगे।
सड़क सुरक्षा शिक्षा कार्यक्रम भी चलाए जाएंगे। दुर्घटना पीड़ितों के लिए कैशलेस उपचार योजना भी जारी है। सड़क दुर्घटनाओं में लगातार गिरावट आ रही है।
हरियाणा में स्कूलों के नजदीक से तेज गति से चलने वाले वाहनों को रोकने के लिए स्पीड हंप, रोड ब्रेकिंग, और अन्य यातायात नियंत्रण उपकरणों का उपयोग किया जाएगा।
स्कूली बच्चों तथा राहगीरों को सुरक्षित सड़क पार कराने के लिए जेबरा क्रॉसिंग या सिग्नल वाले क्रॉसिंग सहित अन्य पैदल यात्री सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
इसके अलावा स्कूली बच्चों और शिक्षकों को सड़क सुरक्षा के बारे में शिक्षित करने के लिए नियमित रूप से सड़क सुरक्षा शिक्षा कार्यक्रम चलाए जाएंगे।
मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी की अध्यक्षता में सोमवार को सड़क सुरक्षा कोष प्रबंधन समिति की बैठक में 74 करोड़ 50 लाख रुपये के बजट को मंजूरी दी गई। इससे सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों को कम करने और आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणालियों को बढ़ाने में सहायता मिलेगी।
पहली बार लोक निर्माण विभाग (भवन एवं सड़कें) ने प्रदेश में स्कूल जोन रोड सेफ्टी ट्रीटमेंट परियोजना शुरू करने का निर्णय लिया है। इसके लिए समिति ने विभाग को 25 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।
50 बेसिक लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस खरीदी जाएंगी, जिसके लिए स्वास्थ्य विभाग को 17.50 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। 19 जिलों में सीसीटीवी आधारित सिटी सर्विलांस सिस्टम स्थापित करने के लिए पुलिस को कुल 19 करोड़ रुपये दिए गए हैं।
स्थानीय सुरक्षा गतिविधियां चलाने के लिए जिला सड़क सुरक्षा समितियों के लिए 10 करोड रुपये, माध्यमिक शिक्षा विभाग के लिए एक करोड़ रुपये तथा राज्य सड़क सुरक्षा परिषद सचिवालय के लिए दो करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं।
प्रदेश में कैशलेस उपचार योजना के तहत दुर्घटना की तारीख से सात दिनों की अवधि के लिए प्रत्येक दुर्घटना पीड़ित को डेढ़ लाख रुपये तक का मुफ्त उपचार उपलब्ध कराया जाता है। हरियाणा ने पिछले वित्त वर्ष में कुल 199 करोड़ रुपये का कंपाउंडिंग शुल्क एकत्र किया जो परिवहन और पुलिस विभागों द्वारा यातायात नियमों के प्रभावी प्रवर्तन को दर्शाता है।
सड़क दुर्घटनाओं में गिरावट
राज्य परिवहन आयुक्त दुष्मंता कुमार बेहरा ने बताया सड़क दुर्घटनाओं में लगातार गिरावट आ रही है। वर्ष 2022 में प्रदेश में 11 हजार 105 दुर्घटनाएं हुईं जिनमें 5,596 मौतें दर्ज की गईं।
साल 2023 में 10 हजार 438 दुर्घटनाएं और 5195 मौतें हुईं। वर्ष 2024 में 9759 दुर्घटनाएं और 4,828 मौतें हुईं। इस साल 25 मई तक दुर्घटनाओं की संख्या घटकर 6770 और मौतों की संख्या 1942 रह गई है।
सडक सुरक्षा योजना....हरियाणा में स्कूलों के पास नियंत्रित होगा यातायात, पैदल चलने वालों को मिलेगा सुरक्षित रास्ता; 74.50 करोड़ का बजट मंजूर
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