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सोनीपत डीसी के पीए शशांक का रिश्वत मामला

Raman Deep Kharyana :-

धीरे-धीरे पीए शशांक की बेगुनाही के सबूत आने लगे हैं सामने

सोनीपत डीसी के पीए शशांक को कथित तौर पर रिश्वत लेते पकड़े जाने के मामले में बड़ा खेल होने के सबूत सामने आने लगे हैं। 

विजिलेंस टीम को रिश्वत मांगने संबंधित जो मोबाइल रिकाडिंग दी गयी है, वह महज कुछ सेकंड की है और जिस दिन और टाइम की रिकाडिंग है उस वक्त पीए शशांक चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ के एग्जाम सेंटर गाजियाबाद में एग्जाम देने पहुंचा हुआ था।


वहां मोबाइल एग्ज़ाम सेंटर पर जमा था। शशांक को रिश्वत देने का आरोप लगाने वाला जितेन्द्र सबूत के तौर पर जो भी कागजात विजिलेंस को दे रहा है वे लगभग फर्जी निकल रहे हैं। 

जितेन्द्र ने महज 20 से 22 सेकंड के अंदर सारा ड्रामा रच दिया

घटनाक्रम के मुताबिक बताया जाता है कि जिस दिन रिश्वत कांड हुआ उस वक्त की स्थिति यह थी कि सोनीपत उपायुक्त कार्यालय में पीए शशांक अपने पांच अन्य कर्मियों के साथ विभागीय कार्य निपटा रहा था, इस बीच जितेन्द्र रूम के अंदर एंट्री करता है और विभाग की महिलाकर्मी की मौजूदगी के संदर्भ में पूछकर लौट जाता है।

कार्यालय में लगे सीसीटीवी कैमरों को खंगालने पर मालूम चला कि जितेन्द्र 20 से 22 सेकंड के दरमियान कार्यालय में जाता है और उल्टा निकल आता है। इसके बाद बिजिलेंस पीए के दफ्तर में एंट्री करती है।

विजिलेंस टीम सीधे पीए शशांक के पास पहुंचती है और रिश्वत के रूपए लेने सबंधित सवाल-जवाब करने लगी, लेकिन पीए के पास रूपए नहीं मिले, बल्कि रूम की तलाशी लेने पर सौफे के नीचे रुपए मिलते हैं। अब ऐसे में यह सवाल खड़ा होता है कि अन्य कर्मियों की मौजूदगी में लेन-देन भी हो गया और रुपए भी छिपा दिए गए।

जबकि आरोप लगाने वाले जितेन्द्र का मूमेंट चंद सेकंड का ही रहा था। यह बात सोनीपत कार्यालय में तैनात किसी भी कर्मचारी के गले नहीं उतर रही है। 

यहां गौर करने वाली बात यह भी है कि अनूमन रिश्वत लेने-देने के मामले में आरोपी को कोर्ट में पेश किया जाता है और उसके बाद न्यायालय में ट्राइल चलता है तब दोनों तरफ के वकीलों की एंट्री होती है और अपना-अपना पक्ष रखते हैं, लेकिन इस मामले में वकील की एंट्री शुरूआत में ही हो गई और उनके द्वारा प्रदर्शन करके उच्च अधिकारियों को भी फंसाने का षड़यंत्र रचा जाने लगा है।

सूत्रों के मुताबिक क्लर्क जितेन्द्र के अधिवक्ता के परिवार में एक आईएएस आफिसर है। आपसी प्रतिस्पर्धा के चलते आईएएस मनोज यादव को भी इस मामले में घसीटने का प्रयास किए जाने की चर्चा भी चल रही है।

सोनीपत डीसी के पीए शशांक का रिश्वत मामला

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