नरेश सिगची( वरिष्ठ पत्रकार)
जैसलमेर के चांपला गांव में एक प्रेम प्रसंग ने रिश्तों को शर्मसार कर दिया। तीन बच्चों की मां जसोदा और उसके प्रेमी देवर कलाराम ने मिलकर जसोदा के पति हरदानराम की धारदार हथियार से हत्या कर दी। दोनों ने सुनियोजित तरीके से नलकूप पर हत्या को अंजाम दिया। पुलिस ने दोनों को हिरासत में ले लिया है और जांच जारी है। इस घटना ने तीन मासूम बच्चों के भविष्य पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
भारत-पाक सीमा से सटे राजस्थान के जैसलमेर जिले में एक दिल दहलाने वाली घटना ने रिश्तों की पवित्रता को तार-तार कर दिया। सदर थाना क्षेत्र के चांपला गांव के पास एक नलकूप पर तीन बच्चों की मां जसोदा और उसके प्रेमी देवर कलाराम ने मिलकर जसोदा के पति हरदानराम चौधरी की धारदार हथियार से हत्या कर दी। यह पूरा मामला प्रेम प्रसंग का है, जहां प्रेम की आड़ में रिश्तों को कलंकित करते हुए एक सुनियोजित हत्या को अंजाम दिया गया। इस घटना ने न केवल सामाजिक मूल्यों को झकझोरा है, बल्कि तीन मासूम बच्चों के भविष्य पर भी प्रश्नचिह्न लगा दिया है।
घटना का विवरण
पुलिस के अनुसार, हरदानराम चौधरी की हत्या उसके चचेरे भाई कलाराम और पत्नी जसोदा ने मिलकर की। दोनों पिछले एक साल से नलकूप पर खेती-बाड़ी का काम करते हुए साथ रह रहे थे। जसोदा और कलाराम के बीच अवैध प्रेम संबंध थे, जिसके चलते उन्होंने हरदानराम को रास्ते से हटाने की साजिश रची। सुनियोजित तरीके से हरदानराम को नलकूप पर बुलाया गया और वहां धारदार हथियारों से हमला कर उसकी निर्मम हत्या कर दी गई।
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर जैसलमेर के श्री जवाहिर अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया। मृतक के परिजनों को सूचना दे दी गई है। इस संघर्ष में कलाराम को भी गंभीर चोटें आईं, जिनका पुलिस की निगरानी में इलाज चल रहा है। पुलिस ने जसोदा और कलाराम को हिरासत में ले लिया है और मामले की विभिन्न पहलुओं पर जांच कर रही है।
पारिवारिक पृष्ठभूमि
हरदानराम चौधरी की यह दूसरी शादी थी। उनकी पहली पत्नी की मृत्यु हो चुकी थी, जिससे उनका एक बेटा है। दूसरी शादी 12 साल पहले जसोदा के साथ हुई थी, जिससे उनके दो बेटे और एक बेटी हैं। जसोदा और कलाराम पिछले एक साल से नलकूप पर काश्तकार के रूप में रह रहे थे, जहां उनके बीच प्रेम संबंध विकसित हुए।
आज का प्यार और रिश्तों का पतन
यह घटना आज के प्रेम की उस काली सच्चाई को उजागर करती है, जहां रिश्तों की मर्यादा और नैतिकता को ताक पर रखकर लोग अपने स्वार्थ के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। जसोदा और कलाराम का प्रेम प्रसंग न केवल सामाजिक मूल्यों को ठेस पहुंचाता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि कैसे रिश्तों की पवित्रता को भुलाकर लोग अपराध की राह चुन लेते हैं।
बच्चों पर असर और उनका भविष्य
इस घटना का सबसे दुखद पहलू है तीन मासूम बच्चों का भविष्य। हरदानराम की हत्या के बाद उनकी मां जसोदा अब जेल की सलाखों के पीछे है। पहली पत्नी से एक बेटा और जसोदा से दो बेटे और एक बेटी अब अनाथ जैसे हालात में हैं। पिता की हत्या और मां के जेल जाने से इन बच्चों के सामने अनिश्चितता का अंधेरा मंडरा रहा है। समाज और परिवार के सामने अब सवाल है कि इन बच्चों का भविष्य क्या होगा? उनकी देखभाल, शिक्षा और भावनात्मक जरूरतों का जिम्मा कौन उठाएगा? इस त्रासदी ने न केवल एक परिवार को तोड़ा, बल्कि इन बच्चों के मन पर गहरा आघात भी छोड़ा है।
यह घटना न केवल एक अपराध की कहानी है, बल्कि समाज में बढ़ते नैतिक पतन और रिश्तों के प्रति बदलते दृष्टिकोण की भी तस्वीर पेश करती है। पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है, लेकिन इस घटना ने समाज को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि प्रेम और रिश्तों की आड़ में अपराध की ऐसी घटनाएं कब तक होती रहेंगी। साथ ही, उन मासूम बच्चों के भविष्य के लिए समाज और प्रशासन को ठोस कदम उठाने की जरूरत है
शर्मसार होते रिश्ते और प्रेम का काला सच: जैसलमेर में तीन बच्चों की मां और प्रेमी देवर ने की पति की निर्मम हत्या
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