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नशे व अपराध की समस्या की रोकथाम में समाज निभा सकता है महत्वपूर्ण भूमिका : डा.सागर प्रीत हुड्डा

Raman Deep Kharyana :-

दिल्ली के विशेष पुलिस आयुक्त डा.सागर प्रीत हुड्डा ने कहा कि बच्चों को लेकर हर माता-पिता को रहना चाहिए गंभीर और जागरूक


सोनीपत, 01 जुलाई। दिल्ली के विशेष पुलिस आयुक्त डा.सागर प्रीत हुड्डा ने कहा कि नशे व अपराध की समस्या की रोकथाम में समाज एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। समाज को आगे आकर मादक पदार्थों और इनके आपूर्तिकर्ताओं का बहिष्कार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मादक पदार्थों के उपयोग के खिलाफ लड़ाई में मजबूत पारिवारिक मूल्य सबसे शक्तिशाली अस्त्र साबित हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि अधिकतर अपराधों के लिए शराब और नशीले पदार्थ जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा में ड्रग्स, अपराध, गैंग, डंकी रूट माइग्रेशन आदि की रोकथाम को लेकर स्थिति पूरी तरह से खराब होने से पहले ही हमें समुचित कदम उठाना होगा। वे हरियाणा प्रोफेशनल फोरम की विशेष पहल पर रोहिणी कोर्ट बार एसोसिएशन के वकीलों की तरफ से प्रीतमपुरा क्लब में आयोजित अंतरराष्ट्रीय विचार गोष्ठी में अपना विचार रख रहे थे । इस अवसर पर रोहिणी कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एडवोकेट राजीव तहलान, महासचिव एडवोकेट प्रदीप खत्री, एडवोकेट प्रतीक सोम, एडवोकेट अरुण बजाज, एडवोकेट साहिल भारद्वाज, एडवोकेट प्रवीण डबास, एडवोकेट विपुल कुमार झा, मोहन डबास, कुलदीप छिक्कारा, सुनील खत्री, अनिल गुप्ता सीए, अतुल सिंघल, मोहित मलिक, पूर्व एईओ जगवीर मलिक, डा.मोहित बल्हारा, विजेंदर सिंह सहित बड़ी संख्या में गणमान्य लोगों ने विशेष पुलिस आयुक्त डा.सागर प्रीत हुड्डा को बुके भेंट कर उनका स्वागत किया।    

  डा.सागर प्रीत हुड्डा ने कहा कि संतान को लेकर हर माता-पिता को गंभीर और जागरूक रहना चाहिए। इसके साथ ही बच्चों को अच्छे संस्कार देने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज अभिभावकों के पास अपने बच्चों को देने के लिए संसाधन तो हैं, पर समय नहीं। इस तकनीकी युग में छोटे बच्चों के हाथ में मोबाइल फोन तो है, जिससे तमाम जानकारी तक उनकी पहुंच आसान हो गई है, लेकिन सामाजिक और सांस्कृतिक मूल्यों से दूरी बढ़ रही है। जीवन की जो शिक्षा दादा-दादी, नाना-नानी या परिवार के अन्य सदस्यों से मिलती थी, वह परंपरा अब खत्म हो रही है। परिवार बिखर रहे हैं। इसका असर बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। परिवार के सदस्यों के बीच संवाद की कमी के कारण मानसिक अवसाद बढ़ रहा है। खासकर बच्चों में इसका असर साफ देखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि रिश्तों को जिंदा रखने के लिए आपस में चर्चा बेहद जरूरी है। पूर्व एईओ जगबीर मलिक ने कहा कि इस भागदौड़ भरी जिंदगी में किसी के पास दो पल बैठकर बात करने का समय नहीं है। सब अपने मोबाइल फोन में व्यस्त हो गए हैं। भावनात्मक जुड़ाव खत्म हो गया है। उन्होंने कहा कि जिन बच्चों का अपने माता-पिता से संवाद नहीं होगा वहां जेनरेशन गैप का भी खतरा बढ़ जाएगा। ऐसे में एक सुखी परिवार के लिए निरंतर संवाद होना जरूरी है। डा.मोहित बल्हारा ने कहा कि आज बच्चे अपने माता-पिता से कुछ पूछने की बजाय गूगल पर सर्च करना पसंद करते हैं। उन्हें लगता है कि वहां उनके सारे सवालों के जवाब मिल जाएंगे। वे सोशल साइट्स की जानकारी को ही सही मानने की भूल कर जाते हैं। 


  हरियाणा के ग्रामीण चौपालों तक पहुंचकर लोगों को जागरूक करेंगे प्रोफेशनल्स :  

हरियाणा से जुड़े वकील, पत्रकार, डॉक्टर, सीए जैसे प्रोफेशनल्स ने इस मौके पर संकल्प लिया कि वे दिल्ली के विशेष पुलिस आयुक्त डा.सागर प्रीत हुड्डा के नेतृत्व में हरियाणा के ग्रामीण चौपालों तक पहुंचेंगे और ड्रग्स, अपराध, गैंग, डंकी रूट माइग्रेशन आदि की रोकथाम को लेकर लोगों को जागरूक करेंगे। अपने अभियान के दौरान वे गांवों के सरपंच, खाप प्रतिनिधियों, स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों व स्थानीय प्रबुद्ध लोगों का भी सहयोग लेंगे। विचार गोष्ठी में मौजूद लोगों ने एक स्वर में कहा कि हरियाणा प्रदेश के अपनी युवा पीढ़ी को बचाने के लिए वे अपनी तरफ से पुरजोर प्रयास करेंगे। जल्द ही इस संबंध में आगामी कार्यक्रमों की रुपरेखा तैयार कर ली जाएगी । 


फोटो कैप्शन: अंतरराष्ट्रीय विचार गोष्ठी में दिल्ली के विशेष पुलिस आयुक्त डा.सागर प्रीत हुड्डा को बुके भेंट करते रोहिणी कोर्ट बार एसोसिएशन के पदाधिकारी, पूर्व एईओ जगवीर मलिक व अन्य गणमान्य लोग।

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