ऐलनाबाद, 3 जुलाई (रमेश भार्गव) शहर की 33 केवी बिजली लाइन इस समय मेहना खेड़ा फीडर से जुड़ी हुई है, जो शहर से करीब 25 किलोमीटर दूर है, और जब भी इस लाइन में कोई खराबी आती है तो उसे ठीक करने में 5 से 6 घंटे लग जाते हैं.
जिससे इस भयानक गर्मी में पूरा शहर तिलमिला उठता है और रात को अंधेरे में डूब जाता है—अस्पताल, मेडिकल स्टोर, स्कूल, व्यापार और आम जनजीवन सब ठप हो जाता है। बिजली न होने की स्थिति में बच्चों और महिलाओं को विशेष रूप से भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, न तो पढ़ाई संभव होती है, न ही घरों में आराम या सुरक्षा बनी रह पाती है।
पहले यही लाइन मिठी सुरेरा फीडर से जुड़ी थी, जो मात्र 5 किलोमीटर दूर है और जहां से बिजली आपूर्ति किसी फॉल्ट की स्थिति में अक्सर 30 मिनट में बहाल हो जाती थी।
पिछले वर्ष भी हमने जनता के आग्रह पर प्रयास किए थे, लेकिन हमें सफलता नहीं मिली। इस बार हम सभी शहरवासी एकजुट होकर, बुलंद आवाज़ में अपनी जायज मांग उठाएं ताकि हमारी इस समस्या का स्थायी समाधान हो।
इस मुद्दे को प्रभावी ढंग से उठाने के लिए हम सभी मिलकर इसकी पूरी रूपरेखा तैयार करेंगे, ताकि यह मांग केवल आवाज़ नहीं, एक मजबूत दस्तावेज़ और जनआंदोलन के रूप में सामने आए।
चुप बैठे रहने से हमारी समस्या कोई नहीं सुनेगा, अब वक्त है मिलकर आवाज़ उठाने का, क्योंकि जब जनता जागती है, तभी व्यवस्था को सुनना पड़ता है—आइए, सब मिलकर आवाज़ बुलंद करें, समर्थन दें और दिखा दें कि ऐलनाबाद अब चुप नहीं बैठेगा।
ऐलनाबाद शहर गंभीर बिजली संकट से जूझ रहा है, क्योंकि 33 केवी लाइन मेहना खेड़ा फीडर से जुड़ी है, जो 25 किमी दूर है, और किसी भी खराबी को ठीक करने में 5-6 घंटे लगते हैं, जिससे भीषण गर्मी में शहर अंधेरे में डूब जाता है, अस्पताल, स्कूल, व्यापार और जनजीवन ठप हो जाता है, बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग विशेष रूप से प्रभावित होते हैं, पढ़ाई रुकती है, और घरों में आराम व सुरक्षा खतरे में पड़ जाती है।
पहले यह लाइन मिठी सुरेरा फीडर से जुड़ी थी, जो मात्र 5 किमी दूर है, जहां फॉल्ट 30 मिनट में ठीक हो जाता था, लेकिन यह बदलाव शहर के लिए नासूर बन गया है। हमारे पास इस समस्या को लेकर अनेक लोगों ने फोन से संपर्क किया, लेकिन यह समस्या केवल हम और आप मिलकर जन दबाव से हटा सकते हैं। पिछले वर्ष के असफल प्रयासों के बाद अब समय है कि हम एकजुट होकर मांग करें कि लाइन मिठी सुरेरा फीडर से जोड़ी जाए ।
हम सामूहिक याचिका, जागरूकता अभियान, प्रशासन से संवाद और जरूरत पड़ने पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन करेंगे। आपके सुझाव इस आंदोलन को मजबूत बनाएंगे, इसलिए कृपया अपने विचार साझा करें ।
ऐलनाबाद की बिजली समस्या: अब चुप्पी तोड़ने का समय!
0 Comments